एक्लोप्न
तिमळ पाकी गैनी ईनी
माया मेरी मौली जीनी
एक्लोप्न एकली को खैरी
मेरु जीयु कू ...२
एक्लोप्न मेरु एक्लोप्न
गैरी जिंदगी मेरु गैरु मेरु मन
तिसालू रैगे मेरु उधेडाबन
उधेड़ की उधेडो गयूँ
मेरु जीयु कू ...२
एक्लोप्न मेरु एक्लोप्न
खोई खोई रैण लगी
उजालू अंधेरु कू खैण
उखली को उखैणू मेरु
गेल्यू वो मेरु व्हैगे गेलण
मेरु जीयु कू ...२
एक्लोप्न मेरु एक्लोप्न
खेंच्यूं खेंच्यूं रैगयूँ
ठेचणी सी ठीच्यूं रैगयूँ
वो दूर जांदा बांटों सा
रेघयूँ रेखा सी रेघाण
मेरु जीयु कू ...२
एक्लोप्न मेरु एक्लोप्न
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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