देख बाबा मेरु
देख बाबा मेरु औ ...देख बाबा मेरु
क्ख्क हर्ची गे तू
देख बाबा मेरु
खोजी ली मैंने
कै देश कै घार लुकी छे तू
देख बाबा मेरु .........................
डब डबाणी मेरु
जीयु मेरु हर्ची गे तू
ऐकी दोई चार दीण
कै बाटा रोउडी गे
देख बाबा मेरु औ ...देख बाबा मेरु
क्ख्क हर्ची गे तू
देख बाबा मेरु
खोजी ली मैंने
कै देश कै घार लुकी छे तू
देख बाबा मेरु ....................
बाबा अब भी खोजण छिण
तेरु खुटली का वो जोड़ा
भैर भातेक पैल देख हुम्ण
बाबा जी छे की रौडा
देख बाबा मेरु औ ...देख बाबा मेरु
क्ख्क हर्ची गे तू
देख बाबा मेरु
खोजी ली मैंने
कै देश कै घार लुकी छे तू
देख बाबा मेरु .................
देखी तेरु खुटली का वो जोड़ा
मिलू हिया कू दिलासा
बाबा जी घार मा छिण
इअ दींण हँसे की कटण
देख बाबा मेरु औ ...देख बाबा मेरु
क्ख्क हर्ची गे तू
देख बाबा मेरु
खोजी ली मैंने
कै देश कै घार लुकी छे तू
देख बाबा मेरु .................
आज देखे णी बाबा जी
वो तेरु तेरु खुटली का वो जोड़ा
आज रुशे छ जीयू मेरु
बाबा जी चलीगे दुसरो घारा
देख बाबा मेरु औ ...देख बाबा मेरु
क्ख्क हर्ची गे तू
देख बाबा मेरु
खोजी ली मैंने
कै देश कै घार लुकी छे तू
देख बाबा मेरु .................
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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