
तिरंगा
तीन रंगों में
समाया है देश मेरा
तन मन धन है
वो मेरा सरमाया
आजाद तिरंगा साथ मेरे
दिल में वो ही और है हाथ मेरे
जब तक वो पास मेरे
ज़िंदा हूँ अहसास मुझे
भेंट शीश की चढ़ा जाउंगा
खून की माला चढ़ा जाउंगा
माँ मेरी रखना भरोसा
कोख में तेरी फिर आउंगा
जान बार बार चढ़ा जाउंगा
प्रीत मेरी निभा जाउंगा
तीन रंगों में
समाया है देश मेरा
तन मन धन है
वो मेरा सरमाया ...............जय हिन्द जय हिंदुस्तान
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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जय हिन्द जय हिंदुस्तान वन्दे मातरम् वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्
बालकृष्ण डी ध्यानी
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