भुल्हो त्यारू ब्यो
दैण व्हीयां खोली को गणेशा हे
दैण व्हीयां मोली को नरेणा हे
देख कानी सजी होली
ब्योली मेरी नटी होली
डोला वो सजा व्हाला
ब्योला मेरा वैमा बैठा आला
डोल दामू अब बजणा व्हाला
दगडया हमरा नचण व्हाला
रंगमत होंयीं आयींच बाहार
मोडमा धारियों मी सैरा आज
ब्योला ब्योली को साथ त
मागांण को कंन चली ब्यार
ऐजा मेरा अग्ने अग्ने
साथ सात रेघ रीटा जाला
सात जन्मो का साथ फेरा
ऐजा मेरा भागा घार मेरा
देख कानी सजी होली
ब्योली मेरी नटी होली
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत
बालकृष्ण डी ध्यानी
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