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कांचे की प्रीत मेरी



कांचे की प्रीत मेरी

कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ
सुआ तेरी प्रीत मेरा बाणा उनी अनमोळ,मोळ
कांचे चूड़ी का नीच क्वी ओरी छोर छोर
तेरी प्रीती नी खीच्यूं चली ऐ मी तेरी ओर, ओर
कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ........

लाल कांचे की चूड़ी चूड़ी सुआ लाल कांचे की चूड़ी
मुखडी तेर सेब जणी दिखै लाल कांचे की चूड़ी
लाल कांचे की चूड़ी जुडी ते दगड इनी जिकोडी
फजल शाम भूली मी खैण सीण भूली मी
सुआ तेरी प्रीत मेरा बाणा उनी अनमोळ,मोळ
कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ........

हैरी कांचे की चूड़ी चूड़ी सुआ हैरी कांचे की चूड़ी
जोड़ी तेर बाणा सुआ हैरी कांचे की चूड़ी
कांचे की चूड़ी हैरी सुआ चडै आणू मी घोडी
ब्योला बाणूलू तेरु तू बाणेली मेर ब्योली
सुआ तेरी प्रीत मेरा बाणा उनी अनमोळ,मोळ
कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ........

कांचे की मा बसी प्रीत मेरी हैरी राओ या वा पिंगली
कै मा भी सजै तू , तू सुआ मेरी वो कांचे की चूड़ी
जोड़ी रै सदनी तू ऐ जीयु दगडी वो कांचे की चूड़ी
मिल्दी रै तेरा माया मीथै वो कांचे की चूड़ी जणी
सुआ तेरी प्रीत मेरा बाणा उनी अनमोळ,मोळ
कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ........

कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ
सुआ तेरी प्रीत मेरा बाणा उनी अनमोळ,मोळ
कांचे चूड़ी का नीच क्वी ओरी छोर छोर
तेरी प्रीती नी खीच्यूं चली ऐ मी तेरी ओर, ओर
कांचे की चूड़ी जनी गोळ गोळ........


एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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