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कुछ इनी तेरी पलकी



कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे

कुछ इनी तेरी पलकी

कुछ इनी तेरी पलकी मेर पलकी दगड़ जोडीले
आसू त्यार सबै म्यार पलकी मा सजै दे

तू हर बगत हर समै म्यार दगड़ च
हाँ ऐ सरेल कबै दूर कबै समेण च

जै भी विपदा होली तेरी वों थे मेरु पता दे
कुछ इनी तेरी पलकी मेर पलकी दगड़ जोडीले

आसू त्यार सबै म्यार पलकी मा सजै दे
मी थै त्यारु मुखमा ई विपदा णी जांच णी

आच्छु णी लगणु मीथै विपदा दगडी तेरु रिश्ता
सुण ले मेर बिनती ईंथै मुखडी भतेक हटे दे

कुछ इनी तेरी पलकी मेर पलकी दगड़ जोडीले
आसू त्यार सबै म्यार पलकी मा सजै दे

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

कुछ इस तरह तेरी पलके मेरी पलकों से मिला दे
गढ़वाली मा ये बोल जी कंन लाग्यां जी आप थै बतवा जरुर जी
हिन्दी गाने का ये का गढ़वाली बोळ संस्करण

बालकृष्ण डी ध्यानी
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