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कुछ णी चैनु



कुछ णी चैनु

कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै
जीयु टपराणु घिसे
औरी बोलणु मीसे
तेरु दगड़ चैनु बस दगड़ ईथै ...२
कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै

घूमी मी सात समुद्र
सात परदेश मा भी मेरा देश की कख बात ना , बात ना
बांद न्खारार्याली ईनी क्ख्क औरी ना , औरी ना
वोंका लस्का डस्का की क्ख्क साथ ना औरी ना साथ औरी ना
मी ऐग्यों सब छोडिकी सरला तेरा बाणा तेरा बाणा

कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै
जीयु टपराणु घिसे
औरी बोलणु मीसे
तेरु दगड़ चैनु बस दगड़ ईथै ...२
कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै

माया छोडी की आयूँ
अब तक छ मी बिरडीयूँ
देख तेरी मुखडी स्वाणी सरला
मी तै ढयाँ से फिसलीयों
अब तू ही उठे दे दे साथ उमरी का
तेरा बाण मी अपरा मुल्की आयों

कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै
जीयु टपराणु घिसे
औरी बोलणु मीसे
तेरु दगड़ चैनु बस दगड़ ईथै ...२
कुछ णी चैनु मीथै .......हो अ हो अ हो
सरला कुछ णी चैनु मीथै

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
मै पूर्व प्रकाशीत हैं -सर्वाधिकार सुरक्षीत

बालकृष्ण डी ध्यानी
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