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ॐ नमहा :शिवाया



ॐ नमहा :शिवाया

हर कंकड़ में शिव बसे मेरे
मेरे भोले भंडरी ..२
ॐ नमहा :शिवाया ....४

देवों के देव हैं बैठे कैलाश में मेरे
कैलाश बाबा त्रिशूल डमरू धारी
ॐ नमहा :शिवाया ....४

त्रिनेत्र के स्वामी मेरे
गंगा बहे चाँद सोहे अति शीतल
ॐ नमहा :शिवाया ....४

बाघ खाल ओढे तन पर
मशान की राख सोहे कपाल पर
ॐ नमहा :शिवाया ....४

गले में सर्पों की माल
भांग पीये मेरा प्रभु मतवाल
ॐ नमहा :शिवाया ....४

बेल पत्र से खुश हो जाते
पिंडी दूध जल जो भी चड़ाता
ॐ नमहा :शिवाया ....४

महा शिवरात्री की बेला आयी
उपवास रखो तुम मेरे भाई
ॐ नमहा :शिवाया ....४

शिव करेंगे तेर काज
हरेंगे तेरे दुःख मेरे प्रभु आज
ॐ नमहा :शिवाया ....४

हर कंकड़ में शिव बसे मेरे
मेरे भोले भंडरी ..२
ॐ नमहा :शिवाया ....४


एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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