देख वो झूल गया ?
कई प्रश्नों को छोड़ गया
फंदे से या फंदे ने जान ली
या अपनों ने या सदमों ने
देख वो झूल गया ?
डर था या कोई डरा रहा था
करनी से कोई अपने पछता रहा था
छुपना था कुछ जो बोल रहा था
चुप है अब लाश सा वो पड़ा
देख वो झूल गया ?
जाना ना था उसे ऐसे
जैसे तुमने उसे जाने दिया
शिखंजा कस रहा था ऐसे
खुद या किसने मजबूर किया
देख वो झूल गया ?
कई प्रश्नों को छोड़ गया
फंदे से या फंदे ने जान ली
या अपनों ने या सदमों ने
देख वो झूल गया ?
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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