दिल झूम झूम
दिल झूम झूम आज झूम
देख घुमने चला झूम झूम
दिल झूम झूम आज झूम ..............
अपनों की आहट धुन सुन
अपनों के पग के कंटे चुन चुन
दिल झूम झूम आज झूम ..............
गैरों में भी अपना कोई होगा
दुखी है वो खुश करके तू झूम झूम
दिल झूम झूम आज झूम ..............
अकेला है ये सफर
बीत ना जाये ये डगर तू झूम झूम
दिल झूम झूम आज झूम ..............
दिल झूम झूम आज झूम
देख घुमने चला झूम झूम
दिल झूम झूम आज झूम ..............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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