फिर ऐगे
फिर ऐगे खुद
क्ख्क भ्तेक रौडी की
फिर तू ऐगे
बोई की खुद
फिर ऐगे ऐ राती मा
फिर तू ऐगे
जून सी ईजा कि मुखडी
थै तू फिर चमकेगे
फिर तू ऐगे
वा माया बोई की म्याल्दी
जुनाली दगडी तू लगे गै
फिर तू ऐगे
आंसू का धारा अजाण
आंखी थै णी पछाण भोरी गे
फिर तू ऐगे
च्कुली सी जुनी
च्कुले सी क्ख्क उडीगै
फिर तू ऐगे
बैठ्युं चा ऐ डोरा
तू छोडे की कै डोरा चलगे
फिर तू ऐगे
फिर ऐगे खुद
क्ख्क भ्तेक रौडी की
फिर तू ऐगे
बोई की खुद
फिर ऐगे ऐ राती मा
फिर तू ऐगे
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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