ADD

बैठी छों सारु......



बैठी छों सारु......

हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश
डंडी कंडी छोडी की मी बैठ्युं परदेश
हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश...................

हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश
कमरी टूटी मेरी टूटी डाला की देठ
हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश.................

कंन कै की ऐनी मांजी
कंन कै की ऐनी
अबै त अयूँ मी भैर देश
लागी गई दोई बरसा ,वीजा की कैद

हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश
डंडी कंडी छोडी की मी बैठ्युं परदेश
हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश...................

अन्ख्युं मा आंसू का रेघ बेटा जी
अन्ख्युं मा आंसू का रेघ
ऐंसू का साल पाड़े मा तै बिगर
काफल नी पाकी ई चेता

हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश
कमरी टूटी मेरी टूटी डाला की देठ
हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश.................

मी भी यख य्क्लू बैठ्युं चा बोई
मी भी यख य्क्लू बैठ्युं चा
आंदी जांदी बथों दगडी
म्याल्दी माया तेर याद आणी चा

हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश
डंडी कंडी छोडी की मी बैठ्युं परदेश
हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश...................

यकुली ना झुरी बेटा
यकुली ना झुरी
रै वख राजी खुशै खुशैतू परी
अपरी मुल्की अपरी भाई -भैनु थे ना भूली

हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश
कमरी टूटी मेरी टूटी डाला की देठ
हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश.................

दोई बरसा का बाद ईजा
दोई बरसा का बाद
ऐलु मी परती की फिर
अपरू मयदेश अपरू गढ़देश

हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश
डंडी कंडी छोडी की मी बैठ्युं परदेश
हे बोई तू देखी मयारू गढ़ देश...................

बैठी छों सारु बेटा जी
बैठी छों सारु बेटा
कब आला वो दिन
जबै सबै आला परती कि अपरा अपरा घार

हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश
कमरी टूटी मेरी टूटी डाला की देठ
हे बेटा,मेरु लाटू ऐजा ऐ स्वदेश.................

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ