ADD

लड़की हूँ मै



लड़की हूँ मै

छोटी सी हूँ मै
इस सागर की एक मोती हूँ मै
लड़की हूँ मै

गोल गोटी हूँ मै
दादा दादी की लाड़ी पोती हूँ
लड़की हूँ मै

सपनों के शहर की रानी हूँ मै
नाना नानी की कहनी हूँ मै
लड़की हूँ मै

माता पिता की मै दुलारी हूँ
छोटी दुनिया में मै उनकी न्यारी हूँ मै
लड़की हूँ मै

अपने घर की खिड़की मे बैठे आज मै
ताकों इन दो नैनो से जब बाहर मै
लड़की हूँ मै

दिखता है ये संसार कुछ आज यूँ
खोती जाती हूँ मै उस अंधकार में
लड़की हूँ मै

देख दुनिया ,डरी डरी सी सहमी आज मै
एक लड़की होना क्या अपराद है
लड़की हूँ मै

खो जाती हूँ उस विचार में
अपने देश और अपने घर के ख़याल में
लड़की हूँ मै

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित

बालकृष्ण डी ध्यानी
Reactions

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ