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तू मेरु छे



तू मेरु छे

फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२
देखी तिल अब सब
फिर कया देखलू तू
फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२

घाम सैलू
नी रै तेरु क्वी गेलू
भीर भीर गै तू
माया रै माया जीयु की माया
फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२
देखी तिल अब सब
फिर कया देखलू तू..... हा हा हा आ


उड़ी गै तू
च्ख्लू भ्र्रर उड़ीगै तू
ऐ डंडी तै डाली
हर भरा संसारु भोरीला
जंगलात सोरी गै तू
फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२
देखी तिल अब सब
फिर कया देखलू तू..... हा हा हा आ

आस का सारु
खुद मा का जीयूं भारु
कंडी कैल्यु का मोडमा धारी
कै बाटा कै देशा
अब बसीगै तू
फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२
देखी तिल अब सब
फिर कया देखलू तू..... हा हा हा आ

बैठी जबै य्कुलू तू
यूँ आंख्युं थै बंदै कैर
कया दिखी तिल
कै थै नी बोल ना ब्चै
मी थै पता च तू मेरु छे
फिर फिर फिर
फिरक्या गै तू ..२
देखी तिल अब सब
फिर कया देखलू तू..... हा हा हा आ

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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