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एक परेशान हूँ



एक परेशान हूँ

हर पल
दिल ने कहा
जो सपने थे
मैंने बुने

नग्मा मेरा
वो दर्द का
साथ मेरे वो
यूँ ही चला

वेदना थी
सुकन भी था
करुणा भरा
वो मेरा मन था

विपत्ति का दुख
व्यथा का घेरा
वो ही घूम रहा
मेरे संग पहरा

ना उदास हूँ
ना हैरान हूँ
परेशान भरी दुनिया में
मै भी एक परेशान हूँ

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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