आंसूं छोड़ दयाई
ऐसुं का साल
इनी काल आयी ..२
पौड़ी इनी बरखा
सबै बौग ग्याई
मी देख्दु रैगेयाई
ऐसुं का साल .........
देबतों का धाम
ऐ मेरु गढ़ नरेशा
केदार घाटी ,बाबा तै
छोड़ी कुछ नी रहाई
क्ख्क भाटे यु चक्रचाल आई
ऐसुं का साल .........
आंखी मा आंसूं
सदनी कू विपदा खैरी
ये बस्ग्याल तिल
गढ़ मा इनी मार फेरी
किले मार फेरी
ऐसुं का साल .........
देख तेर लीला
बोई गंगा मा छबलाहट व्हाई
कया कैर तिल इनी
मेर बोई मुखडी मा
तिल आंसूं छोड़ दयाई
ऐसुं का साल .........
ऐसुं का साल
इनी काल आयी ..२
पौड़ी इनी बरखा
सबै बौग ग्याई
मी देख्दु रैगेयाई
ऐसुं का साल .........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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