टक्कों थे
ना उड़ा ना उड़ा दीदा
यों टक्कों थे ,इन वों अप्ड़ों थे
वोंका सुप्नियों थे
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
जमा राला काम त आला
इन फूंके की
ते थै क्या मिळाल
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
ध्याड़ी कैकी
और्री खैरी खाकी
बोउ णी ईं टक्कों थे कमै
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
भूका तेरा नौना नौनी
भूकी तेरी कुटुम दरी
बोउ क्ख्क भाते लाली कंन भूक मिटा ली
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
तास खेल की
जुआ मा हारी की
तुंड होकी बोउ थे मारीकी
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
ना उड़ा ना उड़ा दीदा
यों टक्कों थे ,इन वों अप्ड़ों थे
वोंका सुप्नियों थे
ना उड़ा ना उड़ा दीदा .............
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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