अब बोला जी
कया बोलाण कया बाताण ..२
छुईं कैकी छुपाण कैकी लगाण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
आपरों नी ही परायु कैदू मी ..२
अजाणू दगड ईं छुईं किलै लगाण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
यकाली ही जबै मिल इनी ही रैण …२
इनी धै लगै की कैथै बुलाण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
आँखी रुंदा रुंदा बिसै गैनी..२
रौलों थै बल अब किलै नौव् दीनी
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
जंगलात कू डैरू अबै ऐगै घैरु …२
भूखी पोटी भूख कैल मिटाण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
बंजा पुंगडा कथा लगाणी जवैनी …२
जब तिल जिंदगी भैरदेश मा बिताण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
बुरा णी मन्या मी इनी ही बुल्दु रैंदु ..२
जिकोड़ी का रोऊँदा मी इनी उकेरदा रैंदु
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
कया बोलाण कया बाताण ..२
छुईं कैकी छुपाण कैकी लगाण
बोला अब कया बोलाण अब कया बातांण …
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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