जगदीश बकरोला जी
बकरोला जी
क्ख्क बगणा ये रौंला
अच्कल क्वी नीच ये घोरा
बकरोला जी
क्ख्क कंन बगणा ये रौंला ………..
बकरोला जी
खोल्या रैग्या म्यारू मुल्का
बिस्याँ रैग्याई म्यारा मुल्की
बकरोला जी
क्ख्क कंन बिस्याँ रै म्यार मुल्की ………..
बकरोला जी
छोड़ छाडी की ये देश
ये परदेश कंन खिलणी ये बुरंस
बकरोला जी
क्ख्क कंन खिलणी ये बुरंस ………..
बकरोला जी
कैल गढ़देश मा खेंचा
मेट माटी की ई रेघा
बकरोला जी
कैल कंन खींची ये रेघा ………..
बकरोला जी
खुद बड़ी वों की खुंदाद
याद ई पल्या सड़की दौड़ी की जंद
बकरोला जी
क्ख्क किलै वोंकी खुद खुंदाद
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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