तौल चूली जाणू रै
खिद खिद खिदणू रै
लच कच तेरु लजाणू रै
इन आणू तेरु इन जाणू रै
याद तेरी इनी आनी रै ..........
इन डाली मन थे तेरु
गेल्या कंन तेरु इन हरसाणु रै
कबे यख फर फराणू रै
कबी वख फर फार णू rai
याद तेरी इनी आनी रै ..........
मन माटू दगडी ऊडू जणू रै
यख वख वो सर सरा सराणू रै
कंन माया वो लगाणू रै
कै बाटा मै लै जाणू रै
याद तेरी इनी आनी रै ..........
मन यक्लू धाई लगाणू रै
कख क्ख्क तै थे खोजाणू रै
स्पुनिया मा अरसा पकाणु रै
सुबैरा कू तौल चूली जाणू रै
याद तेरी इनी आनी रै ..........
खिद खिद खिदणू रै
लच कच तेरु लजाणू रै
इन आणू तेरु इन जाणू रै
याद तेरी इनी आनी रै ..........
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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