भगवाना
हे रै भगवाना
दे रै भगवाना
जिकोड़ी तिल कया मोळ पाई
झ्योति जिंदगी की मेर इनी तौल ग्याई
हे रै भगवाना …………
नीलू सरग हरा भरा बन
बगदा गदना वों मा बी ना देख पाई
हरी की हरली थै कंन खो दयाई
हे रै भगवाना …………
नर नारयण दोईया दार खडयाँ
मेरु भाग कंन कख बटायाँ
वों की पाडों का झोल थे ना पछाण पाई
हे रै भगवाना …………
मंगतू ही रै मी बौल्या बणी
मील सबे कुच खो दैयाई
माया दगडी मेर सुबैर ब्योखोंन इनी ही गैई
हे रै भगवाना …………
हे रै भगवाना
दे रै भगवाना
जिकोड़ी तिल कया मोळ पाई
झ्योति जिंदगी की मेर इनी तौल ग्याई
हे रै भगवाना …………
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ