मेरी शोखियाँ
मेरी शोखियाँ
मेरी अंगडाईयां आप को लुभाते तो होंगी
कभी एकांत मे बैठा कर वो
आपको मेरी याद दिलाते तो होंगे
कभी यादों में ही सही ………………
मेरा खिल खिलाना
मेरा इठलाना आप को गुदगुदाता तो होगा
आँखों मे आप के आंसों देखकर
मेरा हंसता चेहरा आप का गम भूलता तो होगा
कभी यादों में ही सही ………………
परछाइयां आपकी
मेरे दूरीयाँ को मिटाती तो होंगी
हिचकिचाने में कभी ना कभी सही
मेरा नाम उभर कर ओंठों पर आता तो होगा
कभी यादों में ही सही ………………
पल पल मे छिपी हूँ मै
हर पल वंही हों मै
मेरे यूँ मांग के सिंदूर का नूर दमकना
आप की सांसों को उसने संभाल तो होगा
कभी यादों में ही सही ………………
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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