शाही भोज की बारत छ
कैल धै लगाण बल
कैल यूँ थै समजाण बल
शाही भोज की बारत छ
कय दूँण तिल बी जाण बल
माशांण बन फूंकयाँ सबी
कंण ये गढ़ का सिपैदार छंन
पाड़े की विपदा थै
कंण भूली गैण आच छन
आंसूं बी ना पूसा अबी
राहत कू बाणयूँ ब्यापर छन
आपदा विपदा सियासत
कंण च्ल्युं कारोबार छन
कैल धै लगाण बल
कैल यूँ थै समजाण बल
शाही भोज की बारत छ
कय दूँण तिल बी जाण बल
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ