सच और झूठ
कोई सच है
तो वो खुद है तू
कोई झूठ है
तो मौन है तू
झूठ की परछाई
में सत्य हुआ हरजाई
साँच को आंच लगी है
झूठ दे रहा दुहाई
सचाई की गहराई में
आज झूठ ने बाजी मारी
ठीक है निश्चित है वो
सुरक्षिता हुई आज उसकी लुगाई
अलबत्ता झूठ का अंत
होता बड़ा ही दुखदाई
सच है सदा से हर्षित
सुख बस सुख उसमे समाही
कोई सच है
तो वो खुद है तू
कोई झूठ है
तो मौन है तू
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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