पालखी में निकली बाबा की सवारी
पालखी में निकली बाबा की सवारी
पलकों में बसी बाबा की छवी अति न्यारी
देखो साईं खड़े भक्तों की कतारें
दरस दे दो हमे साईं हमारे…….
कोई मालामाल है कोई कंगाल है
सबके सब देखो आये यंहा आप को मानाने
देखो साईं खड़े भक्तों की कतारें
दरस दे दो हमे साईं हमारे…….
सब को विशवास ये तेरा ही प्यार है
मालिक है हमारा हमारे दुःख से तू कंहा अनजान है
देखो साईं खड़े भक्तों की कतारें
दरस दे दो हमे साईं हमारे…….
पग-पग सब साईं साथ चलते तेर
सब लगते बस अब शिर्डी के ही फेरे
देखो साईं खड़े भक्तों की कतारें
दरस दे दो हमे साईं हमारे…….
पालखी में निकली बाबा की सवारी
पलकों में बसी बाबा की छवी अति न्यारी
देखो साईं खड़े भक्तों की कतारें
दरस दे दो हमे साईं हमारे…….
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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