बस साईं बोल
साईं मेरे
मन की आंखें खोल
बाबा मेर
जीवन का क्या है मोल
साईं बोल बाबा बोल
मनवा मेरे साईं पर अब सब छोड़
दो चार आनो
ये भूख मिट जायेगी
दुःख और दर्द के अंत की
कभी तो वो भोर आयेगी
साईं बोल बाबा बोल
साईं बोल बाबा बोल
मनवा मेरे साईं पर अब सब छोड़
दीन दयाला है साईं
अंतर मन के ख्याला है साईं
भेद मिटा देंगे साईं अब
जीवन मरण की थामी है तूने जो डोर
साईं बोल बाबा बोल
मनवा मेरे साईं पर अब सब छोड़
साईं मेरे
मन की आंखें खोल
बाबा मेर
जीवन का क्या है मोल
साईं बोल बाबा बोल
मनवा मेरे साईं पर अब सब छोड़
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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