मोदी हूँ मै
अटल हूँ मै
अड़ती वाणी नही
निर्मल जो झर झर बहे
स्वंय मुख बखानी नही
आप हैं साथ मेरे
लौट आयी फिर जवानी मेरी
रवानगी होगी उनकी
लुट कूट से जो भरे
मोदी हूँ मै
बह जाये वो पानी नही
अटल हूँ मै
अड़ती वाणी नही
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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