दूर है शिर्डी तेरी
दूर है शिर्डी तेरी
मैंने अपने मन में अब बसाई
अब आ जाओ मेरे साईं
ओ साईं ओ साईं मेरे साईं
कैसे आऊं पास तेरे
मन में है विशवास मेरे
तू हर पल साथ मेरे
ओ साईं ओ साईं मेरे साईं
बस आंखें ढुंडती
ये मेरी नजर खोजती है
इस मेरे दिल को टटोलती है
ओ साईं ओ साईं मेरे साईं
दर्शन देदो मेरे नाथ
तनिक भी ना करो देर भगवंता
पुकार सुनलो मेरे अनंता
ओ साईं ओ साईं मेरे साईं
दूर है शिर्डी तेरी
मैंने अपने मन में अब बसाई
अब आ जाओ मेरे साईं
ओ साईं ओ साईं मेरे साईं
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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