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त्यूं हिंवाली


त्यूं हिंवाली

त्यूं हिंवाली काठियुं ह्युंद पौड़ीगे
अब मेरा पाड़ों मा बोई जदू बौडी ऐ

मेरा डंडीयूँ धारों मा कोयेडी छईगे
मौल्यार बौडी ऐ बोई बरखा रौडीगे

दिन बिति गे यख दिन बिती हि जाला
भैर ग्याँ छिन बोई म्यारा कब परती की आला

यूँ उकालों का बाटा मिल रैन सदनी
त्यूं उंदारूं छोर बोई जैकी कया पाया

मी थे भलू लगदू म्यार यू रुंतेलु मुल्क
कंन बी व्हालूं बोई जै बाण मयारू च सारु

बिगरेळी यख बांद घुघ्ती की च घुरा
ऐ जावा यख बोई किले बैठ्या छन दूर

त्यूं हिंवाली काठियुं ह्युंद पौड़ीगे
अब मेरा पाड़ों मा बोई जदू बौडी ऐ

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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