माया मा कटी जालो
कोरस : रिखणीखाल कू बाजारा जाणी रे माया
पिछणे पिछणे आणू रै यू माया कू गेडा …….२
ईं उकाली बाटा धीरे धीरे जा रे माया
धीरे धीरे जा
नौनो :संसारो को बाटों उकाली अणी उंदारी
समणु हाथ माया की मिलले
माया की मिलले
हो अ
नौनी:संसारो को बाटों उकाली अणी उंदारी
समणु हाथ माया की मिलले
नौनो :सिस्काणु हाल ने मौल्यारी अणी हेरली
दिन ये कटे जाला साथ माया की मिलले
नौनो :बाकि छे ह्युंदो बाकि छे बरखा
बस हमरु बोलणु बाकि छा
कोरस : माछा मरणा बाकि छा जी
जालों फेंकी ईं माया कू गदनियुं मा …….२
ईं जालों मा धीरे धीरे जा रे माया
धीरे धीरे जा
नौनी:पिरती का बाटों पीड़ा अणी खैरी
समणु कटी लिंयुन्ला हाथ माया की मिलले
माया की मिलले
हो अ
नौनो :पिरती का बाटों पीड़ा अणी खैरी
समणु कटी लिंयुन्ला हाथ माया की मिलले
माया की मिलले
नौनी:सिस्काणु हाल बंजा पुंगडी अणी भूकी पोटी
दिन ये कटे जाला साथ माया की मिलले
नौनी:बाकि छे अपरा बाकि छे पराया
बस उन्थे साथ लाणा बाकि च
कोरस : रिखणीखाल कू बाजारा जाणी रे माया
पिछणे पिछणे आणू रै यू माया कू गेडा …….२
ईं उकाली बाटा धीरे धीरे जा रे माया
धीरे धीरे जा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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