चलो दिल्ली
याद ऐगे नी
फिर वा बीती बाट
आच छा वा काली रात
पाड़ अब बी रुना मेरु साथ छा
बस जाणी छे दिल्ली का बाट वा
मुजफरनगर मा घटी काली रात
२ अक्टूबर अहिंसा मा हिंसा कू वार
म्यारों वों को कया बिगाडू छा
अब बी ना मिली गढ़ थे न्याय
वों पितरों कु प्राण अतृप्त बी आच छा
चल खुटा वै दिल्ली बाटा
अपरों बाण तू उठाले आवाज आच
वो माशल पेट्नी रहाली
हमरु लड़ा लगे रालों
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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२ अक्टूबर को मुजफरनगर काण्ड-९४ के दोषियों को सजा न दिये जाने के विरोध में उत्तराखण्डी संसद की चैखट जंतर मंतर पर विरोध स्वरूप काला दिवस
बालकृष्ण डी ध्यानी
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