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१३ बरस


१३ बरस

आच मेर पाली च
ब्याल तेर पाली
लूट ली बांदरों न
उजाड़ दी सारी स्यारी

बेटी ब्वारी लगी च
सजणा ते बाड़ी
आच बी उधारी चा
ब्य़ाल बी उधारी

कैल यक सुप्निया दिके
कैल वै थे निभै ?
गोल गोल गोल मा
गढ़ वासी ही थे नचै

जौना भैर देश मा
बच्चा यकुला रेस मा
बूढ़ों कि फौज यक
साथ कुकर बिरला ही चलै

कैल बोली दूँन च
कैल बोली चा गैरसैण
१३ बरस ये खंडा कू
रीता रीता ही यक गैन.... ३

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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