साथी मेरे
कुछ तू याद रहेगा तुझे
वो ही तेरे साथ चलेगा
साथी मेरे
आप दोगे जो साथ मेरा
तब ही ये साथ बनेगा
साथी मेरे
नहीं तो ये व्यर्थ है ये जीवन
कैसे वो अकेला फलेगा
साथी मेरे
साथी मेरे तू साथ देना
हर पल ये मेरा दिल कहेगा
साथी मेरे
दुःख-सुख कि बरसात
एक का अंत तो एक आगाज
साथी मेरे
बस मै और ये मेरा दिल
खोजेगा तुझे हरबार
साथी मेरे
कुछ तू याद रहेगा तुझे
वो ही तेरे साथ चलेगा
साथी मेरे
बालकृष्ण डी. ध्यानी
बालकृष्ण डी ध्यानी
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