बस खोना है
क्या पाना है
क्या पाया है
जीवन का रस्ता
बस वो खोता जायेगा ........
रहता है
ना कुछ यंहा
ना यंहा कुछ
रह पायेगा
जीवन का रस्ता
बस वो खोता जायेगा ........
चलता है तू
बंदे आज किस भ्रम में
अहम तेरा तौलता है वो
हर उठे तेरे उस कदम में
जीवन का रस्ता
बस वो खोता जायेगा ……
बैठा है तू
गठरी माया कि भर के
संगी और साथी तेरे
बस यंहा छूट जायेगा
जीवन का रस्ता
बस वो खोता जायेगा ……
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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