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बस देख उदास तुझ को


बस देख उदास तुझ को

बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया
होना था ना कुछ ओर मुझ को
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया

चुप थी तुम
चाप था मै भी
पर कैसे ये इकरार हो गया
ना होना था मुझ को
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया

ना नजरें मिली
ना आंखें चार चार हुयी
ना सांसें बेकरार थी
पर वो फिर भी अधिकार कर गयी
ये क्या हो गया मुझ को
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया

कल्पना ना थी
ना कोई ऐसा विचार आया
बिना लिये हाथों में हाथ
ना कोई ऐसा ख्याल आया
पर होना था हो गया मुझ को
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया

ना कोई गीत गूंजा
ना किसी ने मल्हार गया
ना चली कोई हवा भी
बरखा ने भी ना भिगाया
हलचल होनी थी मै हिल गया
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया

बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया
होना था ना कुछ ओर मुझ को
बस तुझ से स्नेह हो गया
बस देख उदास तुझ को
मै उदास हो गया
एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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