करवा चौथ
ना जल होगा ना अन्न होगा
सजना बस आज तेरा संग होगा
खिलता चाँद में चेहरा तेरा
आँखों से छलनी में तेरा दर्शन होगा
प्रेम की ये मधुमास में प्रीतम
कृष्ण पक्ष चतुर्थी में संगम होगा
मेरा तू मन मेरा तू जीवन
आस्था और साँसों का घर्षण होगा
तपेगा साथ अपना सात जन्मों का
हर जीवन में तू मेरे संग होगा
करवा चौथ की देहली में सजना
चांदनी सिंदूर सुहाग से मिलन होगा
ना जल होगा ना अन्न होगा
सजना बस आज तेरा संग होगा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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