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एक झलक है पलक पर


एक झलक है पलक पर

एक झलक है पलक पर
वो झुकी आंखों में तेरे
एक झलक है पलक पर.............

छू लूँ लपक कर
देखूं क्या आये हिस्से मेरे
एक झलक है पलक पर.............

देख इधर मुझे तू
आ छू ले तेरा समंदर पुकारे
एक झलक है पलक पर............

ना यूँ आ टपक टपकर
गीला हूँ मै लहर लहर भर
एक झलक है पलक पर............

तन्हा अकेली तू वंहा
मै भी इन्तजार में खड़ा
एक झलक है पलक पर............

क्या लिखा है उस झलक में
पलक आ जा मुझे बता दे
एक झलक है पलक पर............

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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