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अरमान मेरे दिल के


अरमान मेरे दिल के

अरमान मेरे दिल के
आये और चले गये
अरमान मेरे दिल के
खुद अपने को देख के
कुछ हालत पे रो के चले गये
अरमान मेरे दिल के ………

उल्फतों का जमाना था
कंहा मंजिल कंहा ठिकना था
फकीरी का चोला धारा हम ने
अपना ही कर्ज तो चुकाना था
अरमान मेरे दिल के ………

कुछ रूठे रूठे दिल थे
कुछ टूटे छूटे सपने थे
रात का सफर था वो
या फिर दिन का वीराना था
अरमान मेरे दिल के ………

कुछ पल रुके वो साथ मेरे
रुक कर वो भी चल दीये
कुछ चुप चाप निकल गये
कुछ आंसूं निकला के चले गये

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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