बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
कोशिशें बड़ी की बाद बना काबिल
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
वाक्या एक ही सही मिले तो जगा देता जमीर
या तो फिर उम्र भर फिरलो बन जाओ काफिर
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
चाह नेक हो तो रहा नेक बन ही जाती है
तकलीफों से अमीर बने उन्हें गरीबी की सुगंद ही भाती है
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
प्रेम दे दो थोड़ा प्रेम ले थोड़ा राह गुजर जायेगी
हाथ में कांटे भी चुभे तो भी खुशबू की महक ही महकेगी
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
कोशिशें बड़ी की बाद बना काबिल
बड़ी ठोकरों के बाद संभाला है दिल
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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