वोट मांग रहा देश तेरा
उस एक ऊँगली में मेरा एक निशान
बने मेरे देश की वो सुनहरे भविष्य की पहचान
लगा ले अपने कर्म की स्याही
जो तूने किया उम्र १८ साल की दहलीज पार
वो तेरा अधिकार है वो कर्तव्य है तेरा
भारत के सविधान ने किया है तुझ से आह्वान
बने उस दल की सरकार
जो बनाये भारत की एक अलग पहचान
अग्रसर रहे देश मेरा यूँ ही
हाथों से हाथ मिलते चले सब धर्म एक साथ
तो चल हो जा तयार
वोट मांग रहा देश तेरा दे दे तेरा वक्त आज देश को यार
उस एक ऊँगली में मेरा एक निशान
बने मेरे देश की वो सुनहरे भविष्य की पहचान
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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