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सुंदर सुलभ तू है हिंदी

 

सुंदर सुलभ तू है हिंदी

सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी
हिंद तू पहचान मेरी
जान मेरी तू अभिमान मेरी
सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी

राग अलंकार तुझ पर साझे
सरगम की झंकार में तू बाजे
सात सुरों को साथ में लेकर
इन्द्रधनुष पर आये तो चढ़कर
सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी

हर एक मुख विराजे
देश नही परदेश भी भाये हिंदी
चुटकी में अपना बनाये
प्रेम ही प्रेम बढ़ाये हिंदी
सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी

आओ अब इसको ना बिसराओ
मूल हमारा उन्नति और ले जाओ
अपना व्यक्तित्व ना ठुकराओ
सब मिलकर इसको सजाओ
सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी

सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी
हिंद तू पहचान मेरी
जान मेरी तू अभिमान मेरी
सुंदर सुलभ तू है हिंदी
माथे पर की तू है बिंदी

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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