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सब एक


सब एक

ईश्र्वर अल्लाह
एक है
गीता,कुरआन
दो आँखें उसकी
देखे जग
वो एक समान

देश का फर्क है
और वेश का भेद है
पनपे वो वैसा।
जैसा बोया
माली लेकिन
वो एक है

शांती का ही
वो मार्ग दिखाये
सबको वो
अपने पास बुलाये
स्वर्ग भी माने
नरक भी माने वो

एक दफ़नाए
एक स्वाह हो जाये
मिट्टी था वो
मिट्टी ही बन जाये
फिर उसके बाद क्या
क्या हिन्दू क्या मुसलमान
सब धर्म
एक समान

ईश्र्वर अल्लाह
एक है
गीता,कुरआन
दो आँखें उसकी
देखे जग
वो एक समान

एक उत्तराखंडी

बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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