तुम मुझ से प्यार करते हो क्या ?
दिल के दरवाजे पे लिखा है बस अब मेरे नाम तेरा
चाहे पैगाम आये ना आये तेरा मैने ले लिया नाम तेरा
बिखरे हुए लम्हों को समेट लिया जाये जाके दर पे आज तेरे
फिर से तेरी उन यादों से तेरे दिल के साथ फिर मुलकात हो की ना हो
अपने दिल की बात कहने की किसी से कोई इजाजत ना लेनी थी
सुनने वाल जब अब कोई दिल पास साथ हो की ना हो
हम भी मौजूद थे तकदीर के दरवाजे पर लोगों ने जब दौलत बांटी
एक सिक्का खोटा था प्रेम का वो ही उठाया हम ने इस दिल से लगया
ना ही पिघली धरती ना ही पिघला आसमान मेरे रोने से
फिर क्या फर्क पड़ता है वफ़ा ये सनम मेरे होने ना होने से
भूखी-प्यासी बैठी रही वो मेरी तड़पती मोहब्बत मुझसे
फना हो के भी उस दिल उसके दरवाजे को उसका यकीन ना आया
दिल के दरवाजे पे लिखा है बस अब मेरे नाम तेरा
चाहे पैगाम आये ना आये तेरा मैने ले लिया नाम तेरा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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