नम आँखें
नम आँखें........... २
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
जो ना कहा था
वो भी....कह गयी
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
नम आँखें
वो नम आँखें
सहा था अब तक
अब ना सह सकी
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
बाँध सब्र ले
खड़ी थी दो अंखियां
दो अंखियां
आज उसे ले ढह गयी
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
नम आँखें
वो नम आँखें
गुम-सुम रही वो अब
अब ना चुप रह सकी
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
जो बांतें
दिल दबी थी
दबी थी वो
बस नजरें अब कह गयी
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
नम आँखें
वो नम आँखें
अकेला सफर
सफर अकेला चला
नम आँखें..
सब कुछ कह गयी
चला था
ना जाने किधर वो
नम नैना को भी ना था पत्ता था
नम आँखें
वो नम आँखें
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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