ले जा दगडी मेरु उत्तराखंड मेरु पहाड़
मेरु गौंऊ मुल्कू
माया कू सौंसार
यख मिलालू तेथे दगड्या
प्रेमा कू भंडार
ऐजा यख तू ऐजा इक बार
देख ले मेरु उत्तराखंड ये च मेरु पहाड़
बगदि छ्ल छ्ल गंगा धारा
ढुंगा ढुंगा मा बस्या देबता हमारा
बद्री- केदारा यख मेरा नरंकार
माँ भगोती कू लगा दे जै कारा
ऐजा यख तू ऐजा इक बार
पौड जा मथा हो जालु तेरु ऊधार
लाल खिली बुरंसा हैंसी ते देखेली
पिंगला रंगा की नार फ्योंली ते देकि की लज्जेली
किन्गुडा काफल का ये डंडा कांठा मा
देके जाली ते थे सरया धरती ई नटेली
ऐजा यख तू ऐजा इक बार
ऐगै ई यख तू जब जैलू मी जुलों तेरु साथ
मायादार लोग मिळाल
माया की ही ऊ छुईं ल्गाला
बिखरी पड़ी च सरया धरती मा माया
उकरी सकी उत्गा उकरी की ले जा
ऐजा यख तू ऐजा इक बार
ले जा दगडी मेरु उत्तराखंड मेरु पहाड़
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ