सुणी लिंवा
अपरा रंगा मा रंगयां छिन
डंडा काठा हैरा-भैरा रंगा मा लिप्ट्या छन
देक कंन बिखरयाँ पड्यां छन
ऊँ चलूँ श्वेत रंगों मा चमक्यां छिन
गद्नि कु जलधारा बगदी राली
कुलूँ फुलूं की क्यारी खिल्दी रैली
कैन रच्यूं व्हालु कैन सूच्यु व्हालु
हे उत्तरखंड तेरु चित्र केँन् बने व्हालु
ये बाटा ये घाटा ऊँ उकलू माथा
कै कै कैथे वो धै लगाणु चा सुणी लिंवा !!!
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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