ढोल दामू बजनि
ढोल दामू बजनि
देका गढ़ नैरना थे नच दी
आच ब्याळि देकि गैरसैण मा
मेर पाड़ा की दैन मा
कंन नेतों की फौज ये
दूँन घाम छोड़ी सैण की मौज ये
पिंगली जलेबी की तौल मा
मेर पाड़ा की दैन मा
राज कु बिचार च यु
धानी कु बस खैल मा
बल की दोई दिन की सैर मा
मेर पाड़ा की दैन मा
ढोल दामू बजनि
देका गढ़ नैरना थे नच दी
आच ब्याळि देकि गैरसैण मा
मेर पाड़ा की दैन मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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