चला हिटा जी
मोडम धरियों टोप्ला
कंधा मा चढियोँ झोला
हतामा ले की छातु
चला हिटा जी जोंला कौथिग
पैरिुंच नैय लता
कुरता सुलार जैकेट
बूटा चढ़ीली खुटयूँ मा
भुंया चढ़ेले मिल माथा
चला हिटा जी जोंला कौथिग
स्वांग इंन धरियोंचा
जनि लाल पिंगली जलेबी
पूतु लौल इन लौल्यूंचा
जनि गिर गिर गिरनी चरखी
चला हिटा जी जोंला कौथिग
किस्सामा राई बस मोबैल
बाटलु लुक्युं रैगे दैरमा
कंन गत व्हाई म्यारा दगड
भुक्युं थे जैकी एकबारी पूछा
चला हिटा जी जोंला कौथिग
कंन फजेति मेरी व्हाई
रैग्युं में चुलांदु मन आंसूं
ऐ बारी की कौथिग मा
बिसरी सब मी ना बिसरलु
चला हिटा जी जोंला कौथिग
मोडम धरियों टोप्ला
कंधा मा चढियोँ झोला
हतामा ले की छातु
चला हिटा जी जोंला कौथिग
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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बालकृष्ण डी ध्यानी
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