एक दिनी सब भेंटि जुँला
वे माटा मा वे छला मा
गंगा जी की बगति लाटा मा
म्यारु उत्तराखंड म्यारु घारा मा
लठ्याला
एक दिनी सब भेंटि जुँला
रै क्ख्क बि मी
मेरु जीयु बस्युं मेरा पहाड़ा मा
यूँ उजाडा डंडा कांठा मा
लठ्याला
एक दिनी सब भेंटि जुँला
फूली जोंला प्योंली बुरंसी जनि
पाकी की खै जोंला हिसोंला किन्गोड़ा काफल जनि
चांदी जन चमकी जोंला ऊँ हिवांली का माथा
लठ्याला
एक दिनी सब भेंटि जुँला
वे माटा मा वे छला मा
गंगा जी की बगति लाटा मा
म्यारु उत्तराखंड म्यारु घारा मा
लठ्याला
एक दिनी सब भेंटि जुँला
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
http:// balkrishna_dhyani.blogspot.com
में पूर्व प्रकाशित -सर्वाधिकार सुरक्षित
बालकृष्ण डी ध्यानी
0 टिप्पणियाँ