जोंला पल्या डंडा पार मा
बोबा मेरु क्ख्क छे तू
ऐजा घार मा
बोगान लग्युं अपरू पाडा
ये बगदी न्यार मा
बादल फ़टी
रौड़ी ले गैयाँ गौं गोठ्यार थे
बोई की जिकोड़ी धक व्हाई
ये बात व्हाई पल्या डंडा पार मा
कन आपदा विपदा छे या धरा
थमना को नौउ नि लेणी
अपरा खुठी अपणा ही हिटण
कैल नि आण हत लगाण मा
दोई आंस दोई बोल ही
भैर भ्तेक बल ऊं गिच फुटण
हरी बारी ये उकाल बार मा
क़मरी मेर कस ले जोंला पल्या डंडा पार मा
बोबा मेरु क्ख्क छे तू
ऐजा घार मा
बोगान लग्युं अपरू पाडा
ये बगदी न्यार मा
एक उत्तराखंडी
बालकृष्ण डी ध्यानी
देवभूमि बद्री-केदारनाथ
मेरा ब्लोग्स
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